गुरुवार रात अल्मोड़ा के Binsar Wildlife Sanctuary में लगी आग में गंभीर रूप से घायल हुए Uttarakhand के चार वनकर्मियों को शुक्रवार को हवाई मार्ग से दिल्ली एम्स ले जाया गया। Uttarakhand में करीब 1700 हेक्टेयर वन भूमि को तबाह करने वाली आग में उनके चार साथी भी झुलस गए।
गुरुवार शाम से सुशीला तिवारी बेस अस्पताल हल्द्वानी में उपचार के बाद चारों घायल कर्मियों की हालत में सुधार न होने पर राज्य प्रशासन ने उन्हें दिल्ली भेजने का निर्णय लिया। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर गंभीर रूप से घायल वनकर्मियों को अलग-अलग एयर एंबुलेंस से दिल्ली एम्स और बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी यूनिट में उपचार के लिए ले जाया गया।
बता दें कि गुरुवार को Binsar Wildlife Sanctuary में लगी आग में आठ वनकर्मी फंस गए थे, जबकि वे स्थिति का आकलन करने और आग बुझाने गए थे।
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गुरुवार को चालक समेत आठ कर्मचारी एक कार में सवार होकर Binsar Wildlife Sanctuary अल्मोड़ा में लगी आग का आकलन करने और उसे काबू में करने गए थे। बिम्सर मंदिर से कुछ किलोमीटर दूर उनमें से चार लोग कार से उतरकर शिखर पर लगी आग को देखने के लिए आगे बढ़े। लेकिन तभी आग की एक बड़ी लहर ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया और उनमें आग लग गई।
ट्रक में चार अन्य कर्मचारी भी थे, जब तेजी से फैलती आग ने उन्हें मौके पर ही जला दिया। वे तुरंत कार से बाहर निकले और खुद को बचाने की कोशिश की, लेकिन वे गंभीर रूप से घायल हो गए। वन विभाग के अतिरिक्त प्रधान मुख्य संरक्षक और वन अग्नि एवं आपदा प्रबंधन के प्रमुख निशांत वर्मा ने बताया कि उन्हें इलाज के लिए हल्द्वानी भेजा गया था।
घायलों की पहचान 21 वर्षीय कृष्ण कुमार, 44 वर्षीय कुंदन नेगी, 38 वर्षीय भगवत सिंह भोग और 54 वर्षीय कैलाश भट्ट के रूप में हुई है। वर्मा का दावा है कि घायलों को चार अलग-अलग एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया गया।
वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले करीब ढाई महीने में जंगल की आग ने हिमालयी वन क्षेत्र के करीब 1700 हेक्टेयर क्षेत्र को तबाह कर दिया है।पिछले कुछ दिनों में गर्मी और तापमान में वृद्धि तथा बारिश की कमी के कारण चोट और भी गंभीर हो गई है। इसी अवधि में छह लोगों की मौत हो गई।