19 जून, 2025 को वन कर्मचारियों ने अवैध अतिक्रमण का हवाला देते हुए Nagarahole वन्यजीव रेंज (अत्तूर-कोली वन क्षेत्र) के अंदर छह नए बने शेडों को गिरा दिया।
क्या हुआ?
- आदिवासी 5 मई को जंगल में घुस आए और आश्रय बनाने के लिए 42 पौधे काट दिए।
- वन अधिकारियों का दावा है कि 13 दिसंबर, 2005 से पहले इस भूमि पर मानव निवास का कोई इतिहास नहीं है, जो वन अधिकार अधिनियम का उल्लंघन करता है।
- उप-विभागीय स्तरीय समिति (एसडीएलसी) ने 22 मई को ही उनके भूमि दावों को खारिज कर दिया था।
- मई में पहले बनाए गए छह पुराने शेडों को अछूता छोड़ दिया गया।
- आदिवासी अधिकार कार्यकर्ताओं की प्रतिक्रिया
- प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि ये पैतृक भूमि हैं और अधिकारों की गारंटी कानून द्वारा दी गई है।
- आदिवासी धमकी, अन्याय का आरोप लगाते हैं और आंदोलन जारी रखने की कसम खाते हैं।
- प्रभावित परिवारों का कहना है कि वे काम के लिए अस्थायी प्रवास के बाद ही घर लौटे हैं।
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यह क्यों मायने रखता है?
यह मामला संरक्षण और सामुदायिक अधिकारों के बीच टकराव को दर्शाता है।