देवनगर, कोनी, बिलासपुर: 17 फरवरी 2024 को आनंदमार्ग इंग्लिश मध्यम स्कूल, देवनगर, कोनी, बिलासपुर में “The Stories Of Chhattisgarh” पुस्तक का सफल विमोचन समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर भास्कर चौरसिया, रूरल टेक्नोलॉजी, गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी, बिलासपुर, और विशिष्ट अतिथि के तौर पर मंसूर खान, संयोजक, NGO, दादाजी चित्प्रभानंद, अधिवक्ता शुभा श्रीवास्तव, कु. पलक उपस्थित थे। विद्यालय के शिक्षक, शिक्षिकाएं, और विद्यार्थी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

पुस्तक का परिचय:
“The Stories Of Chhattisgarh” पुस्तक श्रीमती शाम्पा बोस, सेवानिवृत्त शिक्षिका, दिल्ली पब्लिक स्कूल, कोरबा द्वारा लिखी गई है। यह पुस्तक छोटे बच्चों के लिए बहुत ही सरल भाषा में लिखी गई है, जिसे वे आसानी से समझ सकते हैं। इसमें छत्तीसगढ़ की संस्कृति, इतिहास और लोककथाओं को कहानियों के माध्यम से दर्शाया गया है। यह पुस्तक फ्लिपकार्ट और अमेज़न पर उपलब्ध है।
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कार्यक्रम का आयोजन:
इस कार्यक्रम का आयोजन श्री शैलेश शुक्ला द्वारा श्रीमती बीनू शर्मा के सहयोग से किया गया था। कार्यक्रम की शुरुआत में विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। इसके बाद मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों ने पुस्तक का विमोचन किया।
मुख्य अतिथि का उद्बोधन:
मुख्य अतिथि प्रोफेसर भास्कर चौरसिया ने पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि यह पुस्तक बच्चों को छत्तीसगढ़ की संस्कृति और इतिहास से परिचित कराने का एक बेहतरीन माध्यम है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक बच्चों में रचनात्मकता और कल्पनाशीलता को बढ़ावा देगी।
विशिष्ट अतिथि का उद्बोधन:
विशिष्ट अतिथि मंसूर खान ने कहा कि यह पुस्तक बच्चों को छत्तीसगढ़ की लोककथाओं से परिचित कराने का एक अच्छा प्रयास है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक बच्चों में नैतिक मूल्यों को विकसित करने में मदद करेगी।
लेखिका का उद्बोधन:
लेखिका श्रीमती शाम्पा बोस ने कहा कि उन्होंने यह पुस्तक बच्चों को छत्तीसगढ़ की संस्कृति और इतिहास से परिचित कराने के लिए लिखी है। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि इस पुस्तक को बच्चों और शिक्षकों द्वारा पसंद किया जा रहा है।
कार्यक्रम का समापन:
कार्यक्रम का समापन श्रीमती बीनू शर्मा द्वारा आभार ज्ञापन के साथ हुआ। यह पुस्तक बच्चों के लिए एक बेहतरीन उपहार है। यह पुस्तक उन्हें छत्तीसगढ़ की संस्कृति, इतिहास और लोककथाओं से परिचित कराएगी और उनमें रचनात्मकता और कल्पनाशीलता को बढ़ावा देगी।”