Nilgiris to Get AI-Powered Surveillance Network to Tackle Human-Wildlife Conflicts

Nilgiris में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्षों से निपटने के लिए एक बड़े कदम के रूप में, सांसद ए. राजा ने फ्रांस से आयातित चिप्स द्वारा संचालित 12 उन्नत AI-Powered Surveillance लगाने की घोषणा की। ये कैमरे गुडालुर और पंडालुर जैसे संघर्ष-प्रवण क्षेत्रों में निगरानी को बेहतर बनाएंगे, जहाँ हाथियों और वन्यजीवों की लगातार आवाजाही ने लोगों और संपत्ति दोनों को खतरे में डाला है।
यह घोषणा ऊटी में राजा की अध्यक्षता में हुई एक परामर्श बैठक के बाद की गई, जिसमें प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव वार्डन राकेश कुमार डोगरा, नीलगिरी कलेक्टर लक्ष्मी भव्या तन्नेरू, वन अधिकारी और जिला प्रशासकों सहित प्रमुख अधिकारी शामिल हुए।
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अधिकारियों ने बताया कि इन कैमरों को एक केंद्रीय कमांड और नियंत्रण केंद्र के साथ एकीकृत किया जाएगा, जिससे वन्यजीवों की आवाजाही की वास्तविक समय पर निगरानी सुनिश्चित होगी। इसके साथ ही, संघर्षों की अधिक प्रभावी ढंग से भविष्यवाणी करने और उन्हें रोकने के लिए 52 अग्रिम चेतावनी प्रणाली कैमरे और 12 थर्मल सेंसर से लैस कैमरों को नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
संचालन को मजबूत करने के लिए, वन विभाग रिक्त कर्मचारियों के पदों को भरने, अधिक वाहन तैनात करने और संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त एआई कैमरे लगाने की योजना बना रहा है। इस प्रणाली का उद्देश्य न केवल मानव जीवन और संपत्ति की रक्षा करना है, बल्कि वन्यजीवों को भी बदले की कार्रवाई से बचाना है।
इस कदम को वन्यजीव संरक्षण में एक तकनीकी सफलता के रूप में सराहा जा रहा है, जो दर्शाता है कि कैसे एआई और थर्मल इमेजिंग नीलगिरी जैसे संवेदनशील परिदृश्यों में मनुष्यों और जानवरों के बीच सह-अस्तित्व को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं।










