NGT Cracks Down on Encroachments in Nahargarh Wildlife Sanctuary

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने राजस्थान के Nahargarh Wildlife Sanctuary (NWLS) में अतिक्रमण के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है। सुनवाई के दौरान, अधिकरण ने मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को निर्देश दिया कि:
- अतिक्रमण हटाने के लिए उठाए गए कदमों पर दो सप्ताह के भीतर एक हलफनामा दाखिल करें।
- बड़े पैमाने पर अतिक्रमण की अनुमति देने वाले लापरवाह वन अधिकारियों की जवाबदेही तय करें।
- अभयारण्य की सीमाओं और सीमांकन की स्थिति पर स्पष्टता प्रदान करें, जो विरोधाभासी रिपोर्टों के कारण विवादास्पद बना हुआ है।
- सरकारी मानदंडों के अनुसार दोषी क्षेत्रीय अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करें।
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न्यायमूर्ति शिव कुमार सिंह और न्यायमूर्ति सुधीर कुमार चतुर्वेदी की पीठ ने यह भी आदेश दिया कि राष्ट्रीय वन्यजीव अभयारण्यों की पहचान और सीमांकन से संबंधित सभी मामलों को एक साथ मिलाकर 18 दिसंबर, 2025 को सुनवाई की जाए।
न्यायाधिकरण ने रेखांकित किया कि राष्ट्रीय उद्यानों और अभयारण्यों के संरक्षक के रूप में, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक का प्राथमिक कर्तव्य संरक्षित क्षेत्रों की सुरक्षा करना है।
यह कदम नाहरगढ़ के नाज़ुक पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि अतिक्रमण हटाए जाएँ और जवाबदेही सुनिश्चित की जाए।










