NGO Slams Kerala Amendment Bill for Undermining Wildlife Protection

Kerala: वन्यजीव संरक्षण (केरल संशोधन) विधेयक, 2025 की ह्यूमेन वर्ल्ड फॉर एनिमल्स इंडिया ने आलोचना की है। एनजीओ का तर्क है कि बोनट मैकाक (मकाका रेडिएटा) जैसी प्रजातियों के संरक्षण को कमतर आंकना और वन्य क्षेत्रों से जंगली जानवरों को हटाने, स्थानांतरित करने या मारने की अनुमति देना संरक्षण को गंभीर रूप से कमजोर कर सकता है।
राज्य को प्रजातियों को ‘पीड़क’ घोषित करने और खतरनाक पाए जाने पर तुरंत वध करने की अनुमति देने वाले प्रावधानों को ट्रॉफी शिकार और अवैध व्यापार की आशंकाओं के साथ “अवैज्ञानिक” और जोखिम भरा बताया जा रहा है। विशेषज्ञ इस बात पर ज़ोर देते हैं कि सिकुड़ते आवास, खराब अपशिष्ट प्रबंधन और भोजन की कमी—अति जनसंख्या नहीं—संघर्ष के असली कारण हैं।
READ MORE: SITs Formed in Karnataka to…
एनजीओ ने आगे बताया कि यह विधेयक केंद्रीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (1972) का खंडन करता है और इसके लिए अनुच्छेद 254(2) के तहत राष्ट्रपति की स्वीकृति की आवश्यकता होगी। अगर इसे लागू किया जाता है, तो यह मानव-वन्यजीव संघर्ष को और बदतर बना सकता है और केरल की जैव विविधता को खतरे में डाल सकता है।










