Karnataka के सुल्लिया तालुक के Devachalla गांव के निवासियों को एक चौंकाने वाली घटना में उस समय तनाव का सामना करना पड़ा, जब ग्राम पंचायत कार्यालय के करीब माविनाकाटे इलाके में भारतीय गौर (बाइसन) का झुंड घूमता हुआ देखा गया। यह घटना आधी रात के आसपास हुई, जिससे स्थानीय लोगों में व्यापक भय और चिंता फैल गई।
स्थानीय निवासी उज्ज्वल सहित कुछ ग्रामीणों ने गुजरते समय इन जानवरों को देखा। मुख्य सड़क पर इन बड़े और संभावित रूप से खतरनाक जंगली जानवरों की मौजूदगी ने सुरक्षा संबंधी चिंताओं को जन्म दिया है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों के बीच।
वन विभाग से जंगली जानवरों की मानव बस्तियों में ऐसी गतिविधियों को रोकने के लिए तत्काल और निवारक उपाय करने का आग्रह किया गया है। निवासियों को डर है कि अगर ऐसी घटनाएं जारी रहीं तो संपत्ति, कृषि और यहां तक कि मानव जीवन को भी नुकसान हो सकता है।
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संदर्भ और चिंताएँ
यह घटना पश्चिमी घाट में वन्यजीवों और मानव बस्तियों के बीच बढ़ते तनाव के बीच हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि वनों की कटाई, आवास विखंडन और तेजी से शहरी विस्तार के कारण गौर जैसे जानवर अपने प्राकृतिक घरों से निकलकर आबादी वाले इलाकों में आ रहे हैं।
जर्मनी की एक टिप्पणीकार रीता ने बताया:
“जब हम घाटों में जंगल काटेंगे, तो ये बेचारे जीव कहां जाएंगे?”
सार्वजनिक प्रतिक्रिया
- कुछ स्थानीय लोगों ने पुरानी प्रथाओं का मज़ाक उड़ाया, जहाँ कभी बागानों के घरों में बाइसन के सिर प्रदर्शित किए जाते थे।
- अन्य लोगों ने चिंता व्यक्त की, केवल अस्थायी रूप से डर को हटाने के बजाय दीर्घकालिक समाधान की मांग की।
- यह घटना सह-अस्तित्व की रणनीतियों की तत्काल आवश्यकता को उजागर करती है जो संरक्षण, सामुदायिक जागरूकता और सक्रिय वन प्रबंधन को जोड़ती हैं।
किसी के घायल होने की सूचना नहीं है, लेकिन वन अधिकारियों से क्षेत्र का सर्वेक्षण करने और भविष्य की घटनाओं से बचने के लिए स्थानांतरण या निवारक रणनीतियों का पता लगाने की उम्मीद है।