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Kerala Cabinet Approves Bill Allowing Farmers to Cultivate and Sell Sandalwood

Kerala मंत्रिमंडल ने केरल वन अधिनियम, 1961 में संशोधन करते हुए केरल वन (संशोधन) विधेयक, 2025 के मसौदे को मंज़ूरी दे दी है। इससे निजी भूमि पर चंदन के पेड़ उगाने के इच्छुक किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।
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विधेयक के प्रमुख प्रावधान:
- निजी भूमि पर चंदन की खेती करने वाले किसान अब वन विभाग के पंजीकृत डिपो के माध्यम से अपनी उपज बेच सकेंगे।
- चंदन का पूरा बाजार मूल्य, जो ₹4,000 से ₹7,000 प्रति किलोग्राम (गुणवत्ता के आधार पर) तक है, किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा।
- यदि चंदन की लकड़ी उनकी संपत्ति से चोरी हो जाती है, तो अब ज़मींदारों को कानूनी मुकदमों का सामना नहीं करना पड़ेगा, जो वर्तमान कानून में एक बड़ी बाधा है।
- व्यक्तिगत उपयोग (जैसे, घर बनाने) के लिए चंदन के पेड़ों को काटने की अनुमति भी इसमें शामिल है।
- राजस्व-आबंटित भूमि पर सरकारी उद्देश्यों के लिए आरक्षित चंदन की कटाई तब तक नहीं की जाएगी, जब तक कि भूमि आबंटन नियमों में संशोधन न किया जाए।
- कुछ वन अपराधों को न्यायालय की अनुमति से कम करने का प्रावधान जोड़ा गया है, जिसकी पहले अनुमति नहीं थी।
इस ऐतिहासिक कदम से केरल में अधिक किसानों को चंदन की खेती के लिए प्रोत्साहित करने, कृषि वानिकी, आय सृजन और सतत वन प्रबंधन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।









