Katghora Model: IFS Officer Kumar Nishant’s Community-Driven Blueprint for Human-Elephant Coexistence in Chhattisgarh

Chhattisgarh के Katghora में, भारतीय वन सेवा अधिकारी कुमार निशांत (2016 बैच) ने एक समुदाय-संचालित संरक्षण मॉडल का बीड़ा उठाया है जो भारत में मानव-हाथी संघर्ष से निपटने के तरीके को बदल रहा है।
प्रमुख हस्तक्षेप:
सुरक्षा के लिए तकनीक: SAJAG अलर्ट सिस्टम, AI-आधारित ट्रैकिंग ऐप, ड्रोन, GPS स्मार्ट स्टिक और एक हाथी निगरानी केंद्र – 24 महीनों में हाथियों की मृत्यु को शून्य करना सुनिश्चित करना।
संरक्षक के रूप में समुदाय: युवाओं को हाथी मित्र दल, कला जत्था सांस्कृतिक जागरूकता अभियान और स्कूल संवेदीकरण के रूप में प्रशिक्षित करना – ग्रामीणों को प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता बनाना।
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वन-आधारित आजीविका: फसल क्षति को कम करने के लिए धान की बजाय कोदो बाजरा को बढ़ावा दिया, लघु वनोपज (आँवला, हर्रा, बहेड़ा, कालमेघ) को पुनर्जीवित किया, और मशरूम की खेती, सिलाई, मधुमक्खी पालन और इको-टूरिज्म के माध्यम से रोजगार सृजित किए।
महिला सशक्तिकरण: कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत दोना-पत्तल और हर्बल उत्पाद जैसे पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण, आयुष विभाग को ₹4 करोड़ की आपूर्ति।
🌍 कटघोरा मॉडल विज्ञान, संवेदनशीलता और स्थिरता का मिश्रण है, जो दर्शाता है कि जब लोग संरक्षण में भागीदार बनते हैं तो सह-अस्तित्व संभव है।










