Grounded Barn Owl Rescued, Rehabilitated, and Released in Maharashtra
Swift action by locals and Wildlife SOS–MLRC helps a young owl recover and return safely to the wild

Maharashtra के जुन्नार से एक अच्छी कंज़र्वेशन स्टोरी सामने आई है, जहाँ एक सब-एडल्ट बार्न Owl ज़मीन पर पड़ा हुआ, कमज़ोर और उड़ नहीं पा रहा था। मामले की गंभीरता को समझते हुए, लोकल लोगों और फॉरेस्ट अधिकारियों ने यह पक्का किया कि पक्षी को तुरंत मेडिकल मदद के लिए वाइल्डलाइफ SOS – मानिकदोह लेपर्ड रेस्क्यू सेंटर (MLRC) में भेजा जाए।
MLRC फैसिलिटी में, छोटे उल्लू की ध्यान से मॉनिटरिंग की गई, उसे हाइड्रेशन दिया गया और न्यूट्रिशनल सपोर्ट दिया गया। उसके लक्षणों में थकावट और शायद मामूली चोट के लक्षण दिखे, जो छोटे शिकारी पक्षियों में उड़ना सीखते समय या शिकारियों से बचते समय आम हैं। अगले कुछ दिनों में, उल्लू ने धीरे-धीरे ये चीज़ें वापस पा लीं:
- पंखों की ताकत
- बैलेंस और कोऑर्डिनेशन
- लगातार उड़ने की क्षमता
- नॉर्मल खाने का व्यवहार
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एक्सपर्ट जानवरों के इलाज और रिहैबिलिटेशन के लिए बनाए गए माहौल की वजह से, बार्न उल्लू पूरी तरह ठीक हो गया। जब टीम ने कन्फर्म कर दिया कि वह मज़बूती से उड़ सकता है और अपना बचाव खुद कर सकता है, तो उसे उसके नेचुरल हैबिटैट में वापस छोड़ दिया गया, जिससे रेस्क्यू से रिलीज़ तक का सफ़र सफल रहा।
यह घटना भारत के वन्यजीवों की सुरक्षा में रेस्क्यू सेंटर, लोगों की जागरूकता और समय पर दखल की अहम भूमिका को दिखाती है।
खास बातें:
- जुन्नार में एक कम उम्र का बार्न उल्लू ज़मीन पर मिला
- बचाया गया और वाइल्डलाइफ SOS–MLRC, महाराष्ट्र ले जाया गया
- मेडिकल केयर, उड़ने की कंडीशनिंग और रिहैबिलिटेशन दिया गया
- ताकत और उड़ने की क्षमता वापस मिली
- सुरक्षित रूप से जंगल में वापस छोड़ दिया गया










