डॉल्फिन संरक्षण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर, Ganges river Dolphin की पहली टैगिंग, असम वन विभाग और आरण्यक के सहयोग से भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) द्वारा सफलतापूर्वक पूरी की गई है। इस पहल को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के तहत राष्ट्रीय CAMPA प्राधिकरण द्वारा वित्त पोषित किया गया है।
इस टैगिंग का उद्देश्य इस लुप्तप्राय प्रजाति के आंदोलन के पैटर्न, आवास उपयोग और समग्र पारिस्थितिकी को समझना है ताकि बेहतर संरक्षण रणनीतियों को सुनिश्चित किया जा सके।
इस परियोजना का नेतृत्व टीम CAMPA डॉल्फिन ने किया, जिसमें प्रोफेसर कुरैशी, डॉ. उज़मा, डॉ. ज़िया उल्लाह, डॉ. सनथ मुलिया, डॉ. देवव्रत फुकन और श्री सुरेश बाबू का प्रमुख योगदान रहा। उनके सामूहिक प्रयासों ने भारत के राष्ट्रीय जलीय जीव Ganges river Dolphin के संरक्षण में एक नया अध्याय लिखा है।
डॉ. अब्दुल वाकिद, डॉ. लालानीकवलनी और डॉ. वी. कोलीपाकम जैसे विशेषज्ञों के सहयोग से टैगिंग प्रक्रिया एक सहयोगी सफलता थी, जिसने वैज्ञानिक सटीकता और प्रभावशीलता सुनिश्चित की।
यह पहल गंगा नदी पारिस्थितिकी तंत्र की सबसे प्रतिष्ठित प्रजातियों में से एक के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करने का वादा करती है।