Electrocuted Tiger Found in Chhattisgarh Forest, Poaching Suspected
Missing claws and canines in Guru Ghasidas–Tamor Pingla landscape expose grave lapses in protection of Schedule-I wildlife

Chhattisgarh के सूरजपुर वन प्रभाग के दुई रेंज से वन्यजीव अपराध का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ कंपार्टमेंट नंबर 705 के अंदर एक बाघ मृत पाया गया। शव सबसे पहले सोमवार सुबह देखा गया, जिसके बाद वन अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। शुरुआती जांच और बाद में हुए पोस्टमार्टम से पता चला कि बाघ की मौत बिजली का झटका लगने से हुई, जिससे साफ पता चलता है कि अवैध बिजली के जाल का इस्तेमाल किया गया था।
परेशान करने वाली बात यह है कि बाघ के पंजे और नुकीले दांत गायब थे, जो शिकार की संभावना की ओर इशारा करता है। जानवर के जबड़े और पीठ पर जलने के निशान साफ दिखाई दे रहे थे, जिससे जानबूझकर इंसानी दखल की आशंका और भी मजबूत हो गई। पोस्टमार्टम सूरजपुर और बिलासपुर की पशु चिकित्सा टीमों द्वारा वन विभाग की कड़ी निगरानी में किया गया, जिसके बाद स्थापित वन्यजीव प्रोटोकॉल के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया।
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यह घटना बड़े गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व क्षेत्र में हुई, जो संरक्षित प्रजातियों के लिए सुरक्षित आवास प्रदान करने के लिए है। ऐसी परिस्थितियों में अनुसूची-I जानवर की मौत से जमीनी स्तर पर निगरानी, वन क्षेत्रों के पास अवैध बिजली के तारों और कानून लागू करने की प्रभावशीलता के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा होती हैं।
हालांकि वन विभाग ने जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश कर रहा है, लेकिन यह मामला सख्त निगरानी, अवैध बिजली लाइनों की नियमित जांच और संवेदनशील वन्यजीव क्षेत्रों में जवाबदेही की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है।










