ED Busts ₹52-Crore Land Scam in Maharashtra Involving Nizam-Era Property

Maharashtra में वन भूमि की अवैध बिक्री से जुड़े एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हैदराबाद के Nizam की जमीन से जुड़े 52 करोड़ रुपये के घोटाले के सिलसिले में कई स्थानों पर छापेमारी की।
जांचकर्ताओं के अनुसार, बाद में महाराष्ट्र सरकार ने इस जमीन को निजी वन भूमि घोषित कर दिया। हालांकि, जेएम म्हात्रे इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े व्यक्तियों और अब्दुल कादरी नामक एक व्यक्ति ने कथित तौर पर स्वामित्व के दस्तावेजों में जालसाजी की और जमीन को अपना होने का झूठा दावा किया।
इन जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल फिर जमीन को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को हस्तांतरित करने के लिए किया गया, जिसके परिणामस्वरूप 52 करोड़ रुपये का अवैध मुआवजा प्राप्त किया गया। ईडी ने अब पनवेल और दादर में आरोपियों से जुड़े कार्यालयों और परिसरों पर छापेमारी की है, ताकि अपनी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत सबूत जुटाए जा सकें।
READ MORE: Sloth Bears Terrorize Tamil Nadu Hill Towns, Forcing…
यह मामला न केवल ऐतिहासिक भूमि अभिलेखों के दुरुपयोग को उजागर करता है, बल्कि सरकारी मुआवजा योजनाओं में गहरी जड़ें जमाए हुए भ्रष्टाचार और हेराफेरी को भी उजागर करता है।
मुख्य बिंदु:
- यह जमीन मूल रूप से हैदराबाद के निजाम की थी।
- बाद में राज्य द्वारा इसे आरक्षित वन भूमि के रूप में वर्गीकृत किया गया।
- निजी स्वामित्व का झूठा दावा करने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया।
- आरोपी को NHAI से ₹52 करोड़ का मुआवज़ा मिला।
- ईडी ने आरोपी से जुड़े पनवेल और दादर में छापेमारी की।










