Clash Erupts Between Podu Farmers and Forest Officials Over Land Rights in Telangana

Telangana के खम्मम ज़िले के कोनिजारला मंडल के येल्लन्नानगर गाँव में शनिवार, 26 जुलाई 2025 को एक बड़ा संघर्ष हुआ, जब भूमि अधिकारों को लेकर बढ़ते संघर्ष में पोडू किसान और वन अधिकारी आमने-सामने आ गए।
किसानों ने वन अधिकारियों पर उनकी कपास की फ़सल को ज़बरदस्ती उखाड़ने, आजीविका के विनाश और उनके अधिकारों की घोर अवहेलना का आरोप लगाया। दूसरी ओर, वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि किसानों ने वन भूमि पर अतिक्रमण किया है और अनुमत सीमाओं से परे अवैध रूप से पोडू खेती का विस्तार करने का प्रयास किया है।
पोडू खेती—जो पारंपरिक रूप से आदिवासी समुदायों द्वारा की जाती है—में जंगल की सीमांत भूमि पर खेती शामिल है। इनमें से कई किसानों को वन अधिकार अधिनियम के तहत RoFR (वन अधिकारों की मान्यता) पट्टे जारी किए गए हैं, जो वन भूमि पर खेती करने के उनके पारंपरिक अधिकार को मान्यता देते हैं। हालाँकि, भूमि सीमांकन में अस्पष्टता और वन विभाग द्वारा कथित रूप से वैध पट्टा भूमि को मान्यता न दिए जाने के कारण विवाद जारी हैं।
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जैसे-जैसे मामला बढ़ता गया, दोनों समूहों ने कोनिजारला पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद औपचारिक जाँच शुरू हो गई। यह घटना न केवल पर्यावरण संरक्षण प्रयासों और आदिवासी भूमि अधिकारों के बीच चल रहे टकराव को दर्शाती है, बल्कि तेलंगाना में वन अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन में खामियों पर भी चिंता पैदा करती है।
स्थानीय नेता और अधिकार समूह सरकार से त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई करने, पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखते हुए किसानों के लिए न्याय सुनिश्चित करने का आग्रह कर रहे हैं।










