Olive Ridley Tragedy Returns to Odisha’s Shores Despite Fishing Ban
Hundreds of turtles found dead near Puri amid illegal trawling, enforcement failures, and a widening gap between conservation policy and ground reality

Odisha टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, 8 दिसंबर, 2025 तक ओडिशा के पुरी तट पर सैकड़ों Olive Ridley कछुए मरे हुए पाए गए हैं। यह चिंताजनक घटना इस प्रजाति के लिए प्रजनन और घोंसला बनाने के महत्वपूर्ण समय के दौरान हुई है, जिसे वैश्विक संरक्षण सूची में कमजोर (Vulnerable) श्रेणी में रखा गया है। इससे भी ज़्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि 1 नवंबर से 31 मई तक ओडिशा के तटीय जल में मछली पकड़ने पर कानूनी प्रतिबंध के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं।
रिपोर्ट्स से पता चलता है कि देवी नदी के मुहाने से 5-20 किमी के दायरे में सैकड़ों कछुओं के शव मिले हैं – यह एक पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र है। अवैध ट्रॉलर बिना किसी रोक-टोक के काम कर रहे हैं, जबकि पुरी वन प्रभाग का गश्ती जहाज टेंडर की औपचारिकताएं पूरी न होने के कारण खराब पड़ा है। इस प्रशासनिक लापरवाही ने ओडिशा की घोषित “जीरो टॉलरेंस” नीति और ज़मीनी स्तर पर वास्तविक कार्रवाई के बीच एक खतरनाक खाई को उजागर किया है।
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यह संकट सिर्फ ओडिशा तक ही सीमित नहीं है। तमिलनाडु में, अकेले जनवरी 2025 में चेन्नई के पास 1,100 से ज़्यादा ओलिव रिडले कछुए मरे हुए पाए गए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फेफड़ों में घाव, सूजी हुई गर्दन और उभरी हुई आंखें पाई गईं, जिससे मछली पकड़ने के जालों में दम घुटने से मौत की पुष्टि होती है। चिंता की बात यह है कि कछुओं की मौतें, जो आमतौर पर जनवरी-फरवरी में चरम पर होती हैं, इस मौसम में बहुत पहले ही शुरू हो गई हैं।










