Severe Staff Shortage Threatens Rajasthan’s Wildlife Conservation Efforts

Rajasthan भर में कई वन्यजीव प्रभाग कर्मचारियों की भारी कमी से जूझ रहे हैं, जिससे संरक्षण कार्य और दैनिक क्षेत्रीय कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। रिपोर्टों से पता चलता है कि सरकारी नियुक्तियों में देरी के कारण राज्य के वन विभाग में कई महत्वपूर्ण पद रिक्त हैं।
कुशल कर्मियों की कमी के कारण आवास निगरानी, शिकार विरोधी गश्त और समय पर वन्यजीव बचाव कार्यों में चुनौतियाँ आ रही हैं। वन रक्षकों और क्षेत्रीय अधिकारियों पर कथित तौर पर अत्यधिक बोझ है, जो सीमित जनशक्ति के साथ विशाल वन क्षेत्रों का प्रबंधन कर रहे हैं।
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पर्यावरणविदों ने चेतावनी दी है कि इस तरह की प्रशासनिक देरी वन्यजीव संरक्षण में, विशेष रूप से बाघ अभयारण्यों और संवेदनशील पारिस्थितिक क्षेत्रों में, वर्षों की प्रगति को उलट सकती है। विशेषज्ञ राज्य में प्रभावी संरक्षण प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए तत्काल भर्ती अभियान और नीतिगत सुधारों की आवश्यकता पर बल देते हैं।
संक्षेप में, राजस्थान के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों की ताकत न केवल उसकी नीतियों में निहित है, बल्कि उन्हें लागू करने वाले लोगों – वन कर्मचारियों के हाथों में भी निहित है, जो हर दिन इसकी प्राकृतिक विरासत की रक्षा करते हैं।










