Monsoon Breeding Season Turns Risky: Officials Warn Against Sharing Sensitive Wildlife Footage in Chhattisgarh

Chhattisgarh में, मानसून के मौसम के कारण 30 जून से 1 अक्टूबर तक सभी बाघ अभयारण्य, राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य पर्यटकों के लिए बंद कर दिए गए हैं। यह अवधि वन्यजीव प्रजनन के लिए महत्वपूर्ण है, और इस बंदी से जानवरों को सुरक्षित रूप से घूमने और मानवीय व्यवधान के बिना अपनी आबादी बढ़ाने का अवसर मिलता है।
हालांकि, एक गंभीर चिंता का विषय यह है कि वन अधिकारी और कर्मचारी ट्रैप कैमरों द्वारा कैद की गई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं। ये तस्वीरें लुप्तप्राय जानवरों के सटीक स्थान, गतिविधियों और व्यवहार को दर्शाती हैं।
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संवेदनशील डेटा का इस तरह सार्वजनिक रूप से साझा करना:
- शिकारियों और वन्यजीव तस्करों की मदद कर सकता है
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 का उल्लंघन कर सकता है
- सभी चल रहे संरक्षण और सुरक्षा प्रयासों को कमजोर कर सकता है
पीसीसीएफ (वन्यजीव) प्रेम कुमार ने कहा है कि इस तरह के फुटेज को सार्वजनिक करना सख्त वर्जित है, और इसे तुरंत रोकने के लिए कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, भारी बारिश के कारण, बाघों की गणना की गतिविधियाँ भी रोक दी गई हैं।
यह स्थिति हमें याद दिलाती है कि हमारी प्राकृतिक विरासत की रक्षा करना केवल अधिकारियों का कर्तव्य नहीं है, बल्कि हम सभी की साझा ज़िम्मेदारी है। एक लापरवाहीपूर्ण कार्य पहले से ही जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रही प्रजातियों को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है।










