छत्तीसगढ़ के विभिन्न ग्रामों में अपने-अपने स्तर पर पर्यावरण के संरक्षण की घटनाएं यदा कदा सुनने के लिए आती है। किंतु बिलासपुर जिले के तखतपुर विकासखंड के अंतर्गत बेलगहना ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने एक अनूठी शुरुआत करते हुए अपने ग्राम में बहने वाली नदी को अभ्यारण्य के रूप में संरक्षित किए जाने की दिशा में ग्राम पंचायत में एक प्रस्ताव पारित करने का बीड़ा उठाया है।
ग्रामीण चाहते हैं कि इस जल संसाधन का उपयोग उस River Conservation और उसकी बेहतरी की दिशा में हो, इस बात से उत्साहित ग्रामीणों ने बताया कि बेलगहना गाँव ने घोंघा नदी को ग्राम सभा की बैठक में अभ्यारण्य के रूप में घोषित करके संरक्षित करने की दिशा में प्रस्ताव पारित किया है ।
बेलगहना गाँव ने जनवरी 3 की ग्राम सभा की कार्यवाही बैठक को एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसमें ग्राम सभा ने घोंघा नदी को “घोंघा नदी ग्राम सभा अभ्यरण्य” के रूप में घोषित सहमति के साथ किया, और इस नदी के बेहतर संरक्षण की दिशा में एकजुट होकर कार्य करने तथा River Conservation के लिए घोंघा नदी के पानी को, लोक संवाहक की तरह इस्तेमाल करने पर विचार किया हैं। इस प्रमुख घोषणा के साथ ग्रामवासी न केवल नदी के संरक्षण और की दिशा में आगे बढ़ने हेतु कृत संकल्पित है अपितु परियोजना की तकनीकी सहयोग में सहायता के लिए भी विभिन्न स्रोतों पर विचार कर रहे हैं ।
इस परियोजना की तकनीकी विकास के लिए श्रेयांश बुधिया और “नेचर पीपल नेटवर्क” एवं “विकासशील फाउण्डेशन “नामक संगठन के माध्यम से सहायता के लिए भी इन ग्रामीणों ने उनसे बात की है। ग्राम वासियों का तो यहां तक मानना है कि, इन सामाजिक स्रोतों से घोंघा नदी को संरक्षित किए जाने की अनूठी पहल इस संपूर्ण परियोजना को और भी प्रभावी बनाए रखेगा।
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इस परियोजना को प्रभावी ढंग से लागू किए जाने के बाद प्रदूषणमुक्त घोंघा नदी के लिए विभिन्न मानवीय स्रोतों की भागीदारी घोंघा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाया जाए रखने की भविष्य की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। इससे न केवल नदी संरक्षित होगी बल्कि पानी के अंदर निवासरत जीव जंतु जो वर्तमान में विलुप्त हो रही मछली, कछुवा, केकड़ा, घोंघी एवं अन्य जीव जंतु शामिल हैं, उन्हें भी संरक्षण मिलेगा|
River Conservation का उद्देश्य गांव को भविष्य के जल संकट एवं जैवविविधिता संकट से बचाने का है एवं ग्राम सभा नदी के संरक्षण में निरंतर प्रयत्न करती रहेगी।