गोंदिया – पिछले 14 दिनों में Gondia-Chanda railway लाइन पर तेज रफ्तार ट्रेनों की चपेट में आकर 4 sloth bears की दुखद मौत हो गई है। इन घटनाओं ने वन्यजीव संरक्षणकर्ताओं और स्थानीय समुदायों में चिंता की लहर फैला दी है।
- 17 जुलाई– अरजुनी क्षेत्र में दो स्लॉथ भालुओं की मौत हो गई।
- 19 जुलाई– लोहारा क्षेत्र में एक और स्लॉथ भालू की जान गई।
- 29 जुलाई– चिचपल्ली क्षेत्र में एक स्लॉथ भालू की मौत हो गई।
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) ने इन घटनाओं के बावजूद कोई भी निराकरण कदम नहीं उठाए हैं। स्थानीय वन्यजीव संरक्षण संगठनों और अधिकारियों ने बार-बार अपील की है कि रेलवे प्रबंधन को वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठाने चाहिए, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
वन्यजीव संरक्षणकर्ताओं का कहना है कि रेलवे लाइन के आसपास के क्षेत्रों में वन्यजीवों के लिए कोई भी चेतावनी संकेत या बाड़ नहीं लगाए गए हैं, जिससे वन्यजीवों की मौतों में वृद्धि हो रही है। वे इस बात पर जोर दे रहे हैं कि SECR को तुरंत कदम उठाने चाहिए ताकि और जानवरों की मौत रोकी जा सके।
वन्यजीव संरक्षण विशेषज्ञों के अनुसार, रेलवे ट्रैक के आसपास वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए कुछ निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- चेतावनी संकेत और बाड़ लगाना
- ट्रेनों की गति सीमा को कम करना
- वन्यजीवों के लिए अंडरपास और ओवरपास बनाना
- ट्रेन चालकों को वन्यजीवों की उपस्थिति के बारे में जागरूक करना
Gondia-Chanda railway लाइन पर स्लॉथ भालुओं की मौतों ने वन्यजीव संरक्षण की आवश्यकता को और अधिक महत्वपूर्ण बना दिया है। SECR को जल्द से जल्द उचित कदम उठाने चाहिए ताकि वन्यजीवों की मौतों को रोका जा सके और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखा जा सके।
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