6 मई 2025 को जोधपुर, राजस्थान में वन्य अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) और राजस्थान वन विभाग की संयुक्त टीम ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए दो संरक्षित सांपों के अवशेष एक सीलबंद कांच की बोतल में बरामद किए। यह कार्रवाई विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर की गई, जो वन्यजीव तस्करी के खिलाफ चल रहे प्रयासों का हिस्सा है।
बरामद सांपों को तरल में संरक्षित किया गया था, जो सुझाव देता है कि इन्हें अवैध रूप से संग्रहीत किया गया था, यकीनन पारंपरिक औषधियों, सजावटी वस्तुओं या अवैध व्यापार के लिए। इस मामले में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत मामला दर्ज किया गया है, और आगे की जांच जारी है।
यह घटना राजस्थान में वन्यजीव तस्करी की बढ़ती समस्या की ओर इशारा करती है। नेशनल अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान वन्यजीव अपराधों के मामलों में देश में दूसरे स्थान पर है, जो वन्यजीव विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय है।
इससे पहले, सितंबर 2024 में, WCCB और राजस्थान वन विभाग ने कोटा में हैंडीक्राफ्ट कारोबारियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें प्रतिबंधित जानवरों की हड्डियों से बने लगभग 250 आइटम्स बरामद किए गए थे, जिनमें लेपर्ड का सिर, हाथी दांत से बनी मूर्तियाँ और अन्य सजावटी वस्तुएँ शामिल थीं।
WCCB, जो पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन कार्यरत है, का उद्देश्य संगठित वन्यजीव अपराधों की रोकथाम और जांच करना है। लेकिन स्टाफ की कमी के कारण इसकी कार्यक्षमता प्रभावित हो रही है। पेशें एक वर्तमान में, WCCB के 109 स्वीकृत पदों में से 42 पद खाली हैं, जिससे इसके संचालन में बाधा आ रही है।
वन्यजीव तस्करी न केवल जैव विविधता के लिए खतरा है, बल्कि पारिस्थितिक संतुलन को भी प्रभावित करती है। सांप जैसे प्रजातियाँ पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, और इनकी अवैध तस्करी से खाद्य श्रृंखला में असंतुलन पैदा हो सकता है।

इस प्रकार की कार्रवाइयाँ यह दर्शाती हैं कि वन्यजीव अपराधों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। साथ ही, आम जनता को भी जागरूक होना चाहिए और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना संबंधित अधिकारियों को देनी चाहिए।
यदि आप वन्यजीव तस्करी या अवैध गतिविधियों के बारे में कोई जानकारी साझा करना चाहते हैं, तो राजस्थान वन विभाग की हेल्पलाइन पर संपर्क करें: राजस्थान वन विभाग संपर्क जानकारी